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Third Vishwa Hindu Maha Sammelan
#3
<!--QuoteBegin-->QUOTE<!--QuoteEBegin--><span style='font-size:14pt;line-height:100%'>संतों के जयघोष से गूंज उठीं दिशाएं </span>


- रात भर चला भजन-कीर्तन
- इलाहाबाद बारिश से उपजी स्थिति से निपटने में विहिप ने कमाल का मैनेजमेंट दिखाया।
- रविवार दोपहर तक तो सबके होश उड़े रहे लेकिन उसके बाद आनन-फानन योजनाएं तैयार हो गईं। चार बजे तक लगभग एक लाख कार्यकर्ताओं को आश्रमों, धर्मशालाओं, स्कूलों और अखाड़ों में टिकाया जा चुका था। उनके खाने-पीने के इंतजाम को भी मुकम्मल रूप दिया जा चुका था।
- आरएसएस के लोगों की इसमें सक्रिय भागीदारी थी।
- रात में तो स्थिति इतनी सामान्य कर ली गई कि जहां बाहर बारिश की बूंदे गिर रही थीं, वहीं भीतर भजन-कीर्तन चलता रहा। 

गुरु जी नगर, स्टाफ रिपोर्टर : खुले आसमान के नीचे विशाल स्टेज पर सजे सिंहासनों पर जैसे ही संतों ने आसन ग्रहण किया, चारों दिशाएं जयघोष से गूंज उठीं। आखिर संतों को हाथ उठाकर उन्हें शांत कराना पड़ा। संत भी सामने लाखों राम भक्तों को देख अभिभूत थे। संतों के सुर में सुर मिलाकर विहिप नेताओं ने गर्जना शुरू की।

   पहले विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल फिर राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण भाई तोगडि़या ने गर्जना शुरू की। उन्हें सुनते हुए रामभक्तों की बार-बार तालियां बज उठतीं। कभी कभी ढोल-मजीरे की तान भी छिड़ जाती। साध्वी ऋतंभरा के कमान संभालते ही माहौल में और जोश भर गया। जोश में लोग उठ खड़े हुए। कुछ देर के लिए ऐसा लगा जैसे सब अनियंत्रित हो जाएंगे। इन्हें संभालना भारी पड़ रहा था। कुछ राम भक्तों में तो मारपीट की नौबत आ गई। लेकिन यह सब ज्यादा देर न चला।

मध्य प्रदेश के सिवनी जिले से आए भंगीलाल का बदन श्रद्धा से थरथरा रहा था। पंजाब के लुधियाना से आए प्रेमनाथ अ‌र्द्धकुंभ में आए थे। हिन्दू सम्मेलन की खातिर रुक गए। आज वे गदगद थे। उनका सपना पूरा हो गया था। नहीं रहा गया और आसपास के लोगों से बोल पड़े। देखिए यहां राम राज्य सा बस गया है। सामने देवर्षि खड़े हैं। बगल में कर्नाटक से आई टोली को उनकी खांटी हिन्दी समझ में न आई। लेकिन वे भावना की भाषा पढ़ने में माहिर थे। जय श्री राम का उद्घोष कर पड़े। केरल के खन्नूर जिले से आए जनार्दन आंख मूंदे बैठे थे। आहट मिलने पर अपनी आंखों को खोल देते हैं। फिर मुस्कुरा पड़ते हैं। ये इंटर कालेज के प्रिंसिपल पद पर काम करने के अलावा राम भक्ति में रुचि रखते हैं। विशुद्ध हिन्दी बोलने में कोई कृपणता नहीं दिखाई। उन्हें हर तरफ अमृत वर्षा सी होती दिखाई दे रही थी।
http://epaper.jagran.com/main.aspx?edate=2...de=15&pageno=5#
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Havoc by rains on day 1, could not dampen the conference. By the management skills of organizers, the people were quickly shifted to dozens of Ashrams, Mathas, Dharmashalas, Akharas and schools overnight. Rains continued outside, and Keertan inside!

People from Panjab, MP, Karnataka or Kerala, attending the sessions together. So what if this group from Karnataka did not quite gather what was said in purish Hindi, they were able to read the sentiments. But Janardan from Khannur of Kerala is having no trouble with Hindi. After all he is principal in the local inter college and speaks vishuddha Hindi.


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Third Vishwa Hindu Maha Sammelan - by Guest - 02-14-2007, 09:02 AM
Third Vishwa Hindu Maha Sammelan - by Guest - 02-14-2007, 09:17 AM
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Third Vishwa Hindu Maha Sammelan - by Bharatvarsh - 02-14-2007, 08:00 PM
Third Vishwa Hindu Maha Sammelan - by Guest - 03-11-2007, 08:06 PM

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