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Third Vishwa Hindu Maha Sammelan
#1
Another major Hindutva related news that all major English news media - print, cyber, or electronics - have decided to ignore. Thanks to Dainik Jagran for great coverage.

The Third Vishwa Hindu Maha Sammelan (World Hindu Conference) is in progress in Allahabad, after the conclusion of the Ardha Kumbh. As many as 500,000 Hindus from all corners of Bharat and at least 110 countries are attending the conference. Within Bharat, people from at least 100,000 villages were represented. Conference started on 11th Feb and got concluded today which is 101st birthday of Shri Guruji (MS Golwalkar, the second Sarsanghachaalak of RSS). Suh event, on this scale was last organized in 1979.

<img src='http://epaper.jagran.com/1322007/ald/img_9729.jpg' border='0' alt='user posted image' />

As many as 200 spiritual leaders from all different sects of Indic faiths attended and addressed people from one stage, and then deliberated internally in private discussions. Leaders like Dalai Lama, Kanchi Shankaracharya etc addressing people from one stage is an acheivement in itself.

RSS and VHP demonstrated their organization skills by conducting the event peacefully and smoothly, despite not very cooperating governments both in center and in UP, and despite bad weather. They set up a whole city on sand called Guruji Golwalkar Nagar.

<img src='http://epaper.jagran.com/1122007/ald/img_5538.jpg' border='0' alt='user posted image' />


<!--QuoteBegin-->QUOTE<!--QuoteEBegin--><span style='color:red'>रेत की धरती पर छाया भगवा रंग </span>
गुरुजी नगर, इलाहाबाद, स्टाफ रिपोर्टर : संगम तट की रेत की धरती पर भगवा रंग पूरी तरह छा गया है। यहां अस्थायी तौर पर बसाये गए गुरुजी गोलवरकर नगर में हिन्दू जागरण के संकल्प को लेकर तृतीय विश्र्व हिन्दू सम्मेलन कल 11 फरवरी से शुरू होगा। इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए देश-विदेश से करीब एक लाख प्रतिनिधि पहंुच चुके हैं। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघ चालक केसी सुदर्शन समेत तमाम धर्माचार्य एवं हिन्दू नेता आ यहां आ चुके हैं। शनिवार को दिन भर होती रही रिमझिम बारिश ने आयोजकों के माथे पर बल पैदा कर दिया है। इसके बावजूद कार्यकर्ता तैयारी में देर रात्रि तक लगे रहे।
  शनिवार रात्रि तक 110 देशों एवं भारत के हर जिले के प्रतिनिधि यहां पहंुच चुके हैं। एक लाख गांवों से विहिप के प्रतिनिधि इस नगर में डेरा डाल चुके हैं। इन प्रतिनिधियों में महिलाओं एवं युवाओं की संख्या काफी है।
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<!--QuoteBegin-->QUOTE<!--QuoteEBegin-->गुरु जी नगर, स्टाफ रिपोर्टर : संगम तीरे गुरु जी नगर में एक बार फिर देवी आराधना के गीत गुंजायमान हो रहे हैं। इन गीतों में राष्ट्र आराधना के भक्ति संगीत भी बज रहे हैं। पूरे नगर में राष्ट्रीय भावना से ओतप्रोत स्लोगन लगे हुए हैं। भक्ति भाव के साथ भी देश विदेश से आए प्रतिनिधि राष्ट्र भक्ति से सराबोर हैं। 325 एकड़ में बसा यह नगर भारत की पूरी तस्वीर को प्रदर्शित कर रहा है। 60 उप नगरों में बसे इस नगर में प्रत्येक प्रान्त अपनी प्रदर्शनी भी लेकर आया है। इन उपनगरों में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी शुरू हो गए हैं। विभिन्न प्रांतों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी वहां की जीवंत झलकियां प्रस्तुत कर रही है। विश्र्व नगर में सौ देशों से आए प्रतिनिधि आकर डेरा जमा चुके हैं। इनका सबका खाना सीता रसोई में बन रहा है। नेपाल, थाईलैण्ड, बंगलादेश से विशेष प्रतिनिधि मंडल आया हुआ है। सब जगह हिन्दू एकता एवं सामाजिक समरसता की बात हो रही है।
http://epaper.jagran.com/main.aspx?edate=2...de=15&pageno=5#
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Whole city is echoing with Devi songs, as well as flooded with patriotic slogans. All are seen coloured in a mix of patriotism and devotion. The makeshift city spread over 325 acres, is a picture of whole India. The city is divided into 60 upnagars, each representing a state with unique cultural exhibition. representatives from 100 cities have arrived. Special groups have arrived from Thailand, Nepal and Bangladesh. Everywhere the theme is Hindu Unity.

<!--QuoteBegin-->QUOTE<!--QuoteEBegin--><span style='color:red'>जंक्शन पर गूंजा जय श्रीराम </span>

इलाहाबाद, सिटी रिपोर्टर : विश्र्व हिन्दू सम्मेलन में आने वाले यात्रियों व विश्र्व हिन्दू परिषद कार्यकर्ताओं के चलते शनिवार को जंक्शन स्टेशन पर भारी भीड़ रही। सिर पर गेरूआ टोपी और हाथ में केशरिया झंडा थामे कार्यकर्ताओं के जय श्रीराम के उद्घोष से पूरा स्टेशन परिसर गूंजायमान होता रहा। विश्र्व हिन्दू सम्मेलन के लिए चलाई गयीं आधा दर्जन स्पेशल ट्रेनों के अतिरिक्त नियमित ट्रेनों से कार्यकर्ताओं के आने का सिलसिला दोपहर बाद से शुरू हुआ तो देर रात तक जारी रहा। देश के विभिन्न हिस्सों से विहिप कार्यकर्ताओं को लेकर एक के बाद एक जंक्शन पर पहुंच रहीं स्पेशल ट्रेनों के चलते प्लेटफार्म संख्या 7, 8,9 और 10 पर खासा भीड़ रही। हाल यह था कि रिमझिम बारिश के बावजूद स्टेशन से बिजली घर तक नवाब युसूफ रोड पर यात्रियों का तांता लगा हुआ था। विश्र्व हिन्दू सम्मेलन के लिए बुक आधा दर्जन स्पेशल ट्रेनें अहमदाबाद, मुम्बई, जोधपुर, विशाखापट्नम, हासपेट, हुबली और पठानकोट से खचाखच भरी पहुंचीं। इनमें से अहमदाबाद, मुम्बई, हासपेट और हुबली की ट्रेनें यात्रियों को अयोध्या में रामलला का दर्शन कराते हुए इलाहाबाद पहुंचीं जबकि बाकी की स्पेशल ट्रेनें सीधे आई।
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Allahabad railway station echoing with Jai Sri Ram. Batches of participants kept arriving from different trains, including half a dozen special trains. Some of these special trains which arrived from Ahmedabad, Mumbai, Jodhpur, Vizag, Hospet, Hoobly, Pathankot came after taking a brief halt at Ayodhya for Ram Lala Darshan.

Rains did trouble the makeshift Guruji Nagar. Though could not dampen the spirits of attendees.
<img src='http://epaper.jagran.com/1222007/ald/11alh-c4.jpg' border='0' alt='user posted image' />

RSS and VHP again demonstratde their networking by shifting and accommodating people in 4 dozen schools all over Allahabad. Attendees from South India did suffer because of this sudden drop of temperature, as they were not prepared for such weather.
#2
Huge hoarding of Maharana Pratap at sammelan site. The up-nagars were themed after the Hindu leaders (like Maharana Pratap)

<img src='http://epaper.jagran.com/1322007/ald/img_9694.jpg' border='0' alt='user posted image' />

Cultural programs from different regions in different up-nagars of Guruji Nagar were major attractions. Below, the artists from Japan presented Lotus Dance. There were several representatives from Japan.
<img src='http://epaper.jagran.com/1322007/ald/img_9981.jpg' border='0' alt='user posted image' />
#3
<!--QuoteBegin-->QUOTE<!--QuoteEBegin--><span style='font-size:14pt;line-height:100%'>संतों के जयघोष से गूंज उठीं दिशाएं </span>


- रात भर चला भजन-कीर्तन
- इलाहाबाद बारिश से उपजी स्थिति से निपटने में विहिप ने कमाल का मैनेजमेंट दिखाया।
- रविवार दोपहर तक तो सबके होश उड़े रहे लेकिन उसके बाद आनन-फानन योजनाएं तैयार हो गईं। चार बजे तक लगभग एक लाख कार्यकर्ताओं को आश्रमों, धर्मशालाओं, स्कूलों और अखाड़ों में टिकाया जा चुका था। उनके खाने-पीने के इंतजाम को भी मुकम्मल रूप दिया जा चुका था।
- आरएसएस के लोगों की इसमें सक्रिय भागीदारी थी।
- रात में तो स्थिति इतनी सामान्य कर ली गई कि जहां बाहर बारिश की बूंदे गिर रही थीं, वहीं भीतर भजन-कीर्तन चलता रहा। 

गुरु जी नगर, स्टाफ रिपोर्टर : खुले आसमान के नीचे विशाल स्टेज पर सजे सिंहासनों पर जैसे ही संतों ने आसन ग्रहण किया, चारों दिशाएं जयघोष से गूंज उठीं। आखिर संतों को हाथ उठाकर उन्हें शांत कराना पड़ा। संत भी सामने लाखों राम भक्तों को देख अभिभूत थे। संतों के सुर में सुर मिलाकर विहिप नेताओं ने गर्जना शुरू की।

   पहले विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल फिर राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण भाई तोगडि़या ने गर्जना शुरू की। उन्हें सुनते हुए रामभक्तों की बार-बार तालियां बज उठतीं। कभी कभी ढोल-मजीरे की तान भी छिड़ जाती। साध्वी ऋतंभरा के कमान संभालते ही माहौल में और जोश भर गया। जोश में लोग उठ खड़े हुए। कुछ देर के लिए ऐसा लगा जैसे सब अनियंत्रित हो जाएंगे। इन्हें संभालना भारी पड़ रहा था। कुछ राम भक्तों में तो मारपीट की नौबत आ गई। लेकिन यह सब ज्यादा देर न चला।

मध्य प्रदेश के सिवनी जिले से आए भंगीलाल का बदन श्रद्धा से थरथरा रहा था। पंजाब के लुधियाना से आए प्रेमनाथ अ‌र्द्धकुंभ में आए थे। हिन्दू सम्मेलन की खातिर रुक गए। आज वे गदगद थे। उनका सपना पूरा हो गया था। नहीं रहा गया और आसपास के लोगों से बोल पड़े। देखिए यहां राम राज्य सा बस गया है। सामने देवर्षि खड़े हैं। बगल में कर्नाटक से आई टोली को उनकी खांटी हिन्दी समझ में न आई। लेकिन वे भावना की भाषा पढ़ने में माहिर थे। जय श्री राम का उद्घोष कर पड़े। केरल के खन्नूर जिले से आए जनार्दन आंख मूंदे बैठे थे। आहट मिलने पर अपनी आंखों को खोल देते हैं। फिर मुस्कुरा पड़ते हैं। ये इंटर कालेज के प्रिंसिपल पद पर काम करने के अलावा राम भक्ति में रुचि रखते हैं। विशुद्ध हिन्दी बोलने में कोई कृपणता नहीं दिखाई। उन्हें हर तरफ अमृत वर्षा सी होती दिखाई दे रही थी।
http://epaper.jagran.com/main.aspx?edate=2...de=15&pageno=5#
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Havoc by rains on day 1, could not dampen the conference. By the management skills of organizers, the people were quickly shifted to dozens of Ashrams, Mathas, Dharmashalas, Akharas and schools overnight. Rains continued outside, and Keertan inside!

People from Panjab, MP, Karnataka or Kerala, attending the sessions together. So what if this group from Karnataka did not quite gather what was said in purish Hindi, they were able to read the sentiments. But Janardan from Khannur of Kerala is having no trouble with Hindi. After all he is principal in the local inter college and speaks vishuddha Hindi.
#4
<!--QuoteBegin-->QUOTE<!--QuoteEBegin--><span style='color:red'>उनकी इच्छा शक्ति के आगे हार गई प्रकृति </span>

गुरुजी नगर, मुख्य संवाददाता : भावनाओं के ज्वार में बह रहे हजारों के हुजूम की इच्छा शक्ति और जोश के आगे आखिरकार प्रकृति ने भी घुटने टेक दिए। रविवार को आधी रात तक चला बारिश का दौर सुबह होते-होते मंद पड़ता गया और सोमवार को जब सूर्य देवता ने दर्शन दिये तो विहिप पदाधिकारियों के चेहरे दमक उठे। दारागंज की धर्मशालाओं, स्कूलों, अखाड़ों और आश्रमों में एक साथ जय श्रीराम के नारे गूंजने लगे और नारे लगाती हुई यही भीड़ जब गुरुजी नगर में प्रवेश करने लगी तो विहिप के पदाधिकारी अपनी सारी थकान भूल गए। एक दिन पहले ही परेशान हाल नजर आ रही भीड़ के चेहरे से भी रविवार जैसी मायूसी गायब थी।

  महज कुछ ही घंटों के भीतर गुरुजी नगर भारत के विविध रंगों से गुलजार था। अपनी परंपरागत वेशभूषा में आये उत्तर-दक्षिण और पूरब-पश्चिम के लोग अगल-बगल इतने सहज खड़े थे जैसे बरसों से एक-दूसरे को जानते हों। भाषा अलग थी लेकिन भावनाएं एक। एक-दूसरे का चेहरा देखते ही उनके मुंह से जय श्रीराम का नारा निकल पड़ता। महिलाओं में अधिकांश तो एक नजर संतों को देख लेना चाहती थीं लेकिन मंच की दूरी इतनी थी कि चाहकर भी वे ऐसा न कर सकीं। दूर से ही उन्होंने रेत की धरती पर सिर झुकाकर उन्हें प्रणाम किया। अब से महज कुछ दिनों पहले तक अ‌र्द्धकुंभ मेला में ऐसे दृश्य आम थे लेकिन उनमें श्रद्धा-आस्था और परंपरागत विश्वास की त्रिवेणी का संगम नजर आता था। यहां उनमें हिंदू राष्ट्र बनाने जैसे खास मिशन में शामिल होने की गर्वोक्ति भी साफ पढ़ी जा सकती थी।<!--QuoteEnd--><!--QuoteEEnd-->
Nature gave in to their willpower.

Within hours on the next morning, when the first session started, people wearing the traditional dresses of different regions, were standing side by side each other, irrespective of whether they are from north, east, west or south, as if they knew each other for years. As soon as two pairs of eyes meet, comes out 'Jai Sri Ram'.
#5
Such a huge gathering, but complete discipline.

All the 60 up nagars of Guruji nagar had their own kitchen, with regional themes. Volunteers managed the whole kitchen operation in all the 60 kitchens.

A peaceful queue outside one such Ma Sita Kitchen, for lunch.

<img src='http://epaper.jagran.com/922007/ald/100_9359.jpg' border='0' alt='user posted image' />
#6
There were large number of attendees from North East.

A group of women attendees from NE, at Guruji Nagar.

<img src='http://epaper.jagran.com/1022007/ald/100_9397.jpg' border='0' alt='user posted image' />
#7
<!--QuoteBegin-->QUOTE<!--QuoteEBegin-->सम्मेलन में सिख, बौद्ध, जैन सभी पंथों के धर्माचार्य आ रहे हैं। जापान के 60 लोगों के प्रतिनिधि मंडल समेत कुल 100 देशों के प्रतिनिधि सम्मेलन में शामिल होंगे। 12 फरवरी को गया सारनाथ से काफी संख्या में बौद्ध पहंुच रहे हैं। विदेशों के 70 छात्र जो यहां पढ़ रहे हैं सम्मेलन में शामिल होंगे।
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The conference was attended/addressed by the dharma acharyas of Sikh, Jain, Bauddha faiths as well. A group of 60 people arrived from Japan. A group of Bauddha monks arrived from Sarnath. 70 foreign students are amongst the attendees.

Swami Vivekananda up-nagar has these 253 special huts to accommodate the attendees from abroad.

<img src='http://epaper.jagran.com/1022007/ald/100_9391.jpg' border='0' alt='user posted image' />
#8
<!--QuoteBegin-->QUOTE<!--QuoteEBegin--><span style='color:red'>वेब टेलीकास्टिंग की व्यवस्था </span>

झूंसी कार्यालय : गुरु गोवलकर नगर में 11 फरवरी से शुरू होने वाले तृतीय विश्व हिन्दू सम्मेलन में सूचना प्रौद्योगिकी का भरपूर इस्तेमाल होगा। सम्मेलन के दौरान संचालित होने वाली समस्त गतिविधियों से देश-दुनिया से जोड़ने के लिए वेब टेलीकास्टिंग की व्यवस्था की गयी है। इसकी मदद से दुनिया भर में सम्मेलन का सीधा प्रसारण किया जाएगा। इसके साथ ही स्थानीय स्तर पर लोगों को सम्मेलन से सीधे जोड़ने का भी इंतजाम है, जिसके लिए विहिप ने एक निजी टेलीकाम कंपनी के वेब व‌र्ल्ड से अनुबंध किया है। सम्मेलन की वीडियो रिकार्डिग कराकर उसकी सीडी वेब व‌र्ल्ड को दी जाएगी। जिससे इस सम्मेलन से हर कोई रूबरू हो सके। इसके साथ ही सम्मेलन स्थल पर बने मीडिया सेन्टर को पूरी तरह कंप्यूटराइज्ड किया गया है।
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The sessions are being telecasted live on the conference's website!

Mudyji and others... do you know which is that site? I could not locate it...
#9
Despite the depressing events of Gorakhpur, nothing stopped this group of 2700 attendees who arrived at Sammelan from Gorakhpur on Chauri Chaura Express.

<!--QuoteBegin-->QUOTE<!--QuoteEBegin-->विहिस में भाग लेने सत्ताईस सौ लोग प्रयाग रवाना

हमारे संवाददाता, गोरखपुर : विश्र्व हिन्दू परिषद द्वारा प्रयाग में गंगा तट पर आयोजित तृतीय विश्र्व हिन्दू सम्मेलन में भाग लेने के लिए गोरक्षप्रांत से सत्ताईस सौ लोग शुक्रवार को प्रयाग के लिए रवाना हुए। बजरंग दल के प्रांत संयोजक व विभाग संयोजक लल्लनजी के नेतृत्व में लोग रात को चौरीचौरा एक्सप्रेस से रवाना हुए।
  रेलवे स्टेशन पर शाम से ही सम्मेलन में भाग लेने जाने वालों की भीड़ जुटनी शुरू हो गयी और रात दस बजे तक प्लेट फार्म नंबर दो के सामने भारी संख्या में लोग जुट गये थे। स्टेशन पर खड़े ये लोग समूहों में अलग-अलग बंटे हुए थे और सम्मेलन, उसके मुद्दे व सफलता को लेकर चर्चाएं कर रहे थे। हर व्यक्ति की चर्चा में हिन्दुत्व व विकास केन्द्र में था।
  बजरंग दल के सह प्रांत संयोजक बृजेश त्रिपाठी ने बताया कि सम्मेलन में भाग लेने के लिए गोरक्षप्रांत से आज कुल सत्ताईस सौ लोग जा रहे हैं। ये सभी लोग हिन्दुत्व व विकास के मुद्दे पर एक हैं। उन्होंने बताया कि 35 देशों के पचास लाख हिन्दू इस सम्मेलन में भाग लेंगे जिसमें अमेरिका, मारीशस, मलेशिया, इंडोनेशिया, फिजी, न्यूजीलैण्ड, इंग्लैण्ड व सूरीनाम आदि देशों से भारी संख्या में हिन्दू प्रयाग पहुंच चुके हैं।
  उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन हिन्दू संस्कृति व हितों के लिए निर्णायक साबित होगा।
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<img src='http://epaper.jagran.com/1022007/GKP/9ktn6.jpg' border='0' alt='user posted image' />
#10
<!--QuoteBegin-->QUOTE<!--QuoteEBegin-->Mudyji and others... do you know which is that site? I could not locate it... <!--QuoteEnd--><!--QuoteEEnd-->
unable to locate, now its over.

Even no word on VHP.org website.
#11
<!--QuoteBegin-->QUOTE<!--QuoteEBegin-->LIVE TELECAST OF CONCLUDING CEREMONY
 
As Delhi is gearing up for the grand concluding ceremony of Janmashatabdi year, we are preparing for a live telecast of the function over the Internet.

In Delhi, there will be an ‘Akhil Bharat Ghosh Shibir’ of Rashtriya Swayamsevak Sangh from 16th February. Only band troopers with advanced training will participate in this camp about 2000 Swayamsevaks from all Prants, selected at Prant level, are expected to participate.

There will be route marches at 5 places in Delhi on 17th February.On 18th February, from 2.30 pm onwards the concluding ceremony will start at ‘Delhi Jal Board Ground’, Buradi.

Hon. Vice president Shri. Bhairosinghji Shekhavat will be the chief guest of the program, which will be presided over by Swami Satyamitranand Giri, The President of Janmashatabdi Samiti. Hon. Shri. Sudarshanji, Sarsanghachalak of Rashtriya Swayamsevak Sangh, Swami Avadheshanand Giri { Joona Pithadhishwar}, Dr. Pranav Pandya { Chief of Shanti Kunj, Haridwar}, Sadhwi Ritambharaji, will address the gathering.

The members of the Akhil Bharat Janmashatabdi Samiti, many prominent members of the state level Janmashatabdi Samiti’s saints and prominent persons from all walks of life are expected to attend the meeting.

We are arranging for the live telecast of the program. It will be available on the given websites.

www.rss.org

www.shriguruji.org

www.hindusthansamachar.com

from 2.30 pm on 18th February. You will need Internet broadband connection to view it live. The same program will be telecast live on ‘Sadhana’ channel on TV.

Those who reside outside Delhi, Make it a point to watch it live.
http://www.rss.org/New_RSS/News/NewsDetail.jsp<!--QuoteEnd--><!--QuoteEEnd-->
#12
X-posting from k.ram's post in another thread.

Historic world Hindu conference at Prayag
V SUNDARAM
http://newstodaynet.com/2007sud/mar07/100307.htm

The III World Hindu Conference was inaugurated at the Ardh Kumbha Mela amidst chants of 'Jai Shri Ram' in the presence of saints, prominent leaders of various sects and delegates from India and abroad. Speaking at the meet, VHP president Ashok Singhal regretted the fact that despite 60 years of independence, India had not been able to proclaim itself as 'BHARAT', the constitutionally approved name, to the world. He called upon the participating delegates to protect the glory and honour of the name. He also declared that the destiny of the country lay in the unification of Pakistan and Bangladesh as they were once a part of India. Shri Ashok Singhal roared that Pakistan and Bangladesh are the enslaved parts of the Hindu nation and have to be liberated. He recalled the forecast made by Maharshi Aurobindo that the partition of the country was un-natural and it was the destiny of the nation to reunite. The aim of the Vishwa Hindu Parishad (VHP) is to bring lasting peace and create a crime-free society. He also expressed himself strongly against the calculating machinations and manoeuvres of the pseudo-secular mafia of mass media in India.

Ashok Singhal addressed a huge gathering on the banks of Ganga, in Allahabad in a temporary township created to inhabit more than three lakh participants. The township was named Guru Golwalkar after the second sarsanghchalak of RSS. Shri Singhal announced that the scheduled caste and scheduled tribe population of the country constituting more than 20 per cent population of the country are the real defenders of the Hindu culture in this country. In-fact, he stated, that they exhibit the traits of the kshatriyas and are the source of great strength to reestablish the superiority of Hinduism all over the world in the near future.

He announced that a gigantic Hindu Unity Yatra will be started on 21 November, 2007 from every village of the country and end on 20 December, 2007. Through the Yatra, the VHP would like to demolish the dividing wall of casteism and sectarianism erected in the Hindu society by selfish politicians. The VHP has also decided to establish one lakh single-teacher schools in the country to wipe out illiteracy and this target is going to be achieved in one year. He also made a clarion call for freeing Hindu temples from the Government control and for an absolute ban on cow slaughter. He lashed out against the English-speaking Western culture-embracing pseudo-secular class wedded to western virtues which were percolating in millions of Hindu homes through the crassly commercial TV channels, polluting the minds of young children. He also sent a warning signal to various television channels to stop the spreading of cultural pollution by telecasting programmes based upon western notions of consumerism and physical comforts. He said that if the present government fails to rectify the situation Hindu saints will have to take the matter in their own hands and with the help of the women power of the nation ensure that the channels are rejected and boycotted.

Ashok Singhal highlighted the need to reject the family planning propaganda of the Government. In this context, he appealed to the four lakhs of Hindus present at the meeting to ponder over the hard reality of the multiplying Muslim society. Expressing worry over the imbalance in the growth of population in the country he said that Hindus are decreasing their own population by indulging in female foeticide and following the norm of two children, whereas Muslims' rate of growth of population has crossed all previous records. He said that Hindus must look after their numbers otherwise they may become a minority in their own land.

The proceedings of the first day of the Third World Hindu Conference went on for more than six hours and was addressed by many saints including Satyamitranandji Giri, Vasudevji Maharaj,Sadhavi Ritambhara, Puj. Dayanand Sarsavati, Puj Parmanandji Maharaj, Acharya Dharmendera, Digambar Jainmuni Moti Sagarji. RSS chief Shri Sudershan in his spirited speech said that Hindu way of life is the most natural and scientific system developed over a period of thousands of years. Hinduism is a way of life that treats every living being as one and integrated. He said that it is a matter of regret that Hindus in their own country are being treated as second rate citizens. He advocated for the creation of consciousness about the Hindu nation among all people of the world.

Swami Dayanand reiterated that Hindu vote is sacred and we must ensure that the anti-Hindu forces are defeated by using this sacred weapon of democracy. International General Secretary of VHP, Dr Praveen Togadia in his address called upon the representatives to be prepared for a last battle for the establishment of Hindu state. He said that when Babar demolished Ram Temple 20 crore Hindus remained inactive, again when the country was partitioned Hindus again remained divided, but today Hindus are united and anyone attacking Hindu culture will receive a befitting reply.

Three resolutions were read out to the audience, one each on Hindu Nation, Hindu Unity and Social Harmony. A large gathering of the people belonging to all parts of the country and about 50 nations abroad expressed their support to the resolutions by declaring in unison Hindu Rashtra ki Jai. The Conference was inaugurated by the reputed industrialist Ganga Raju of Andhra Pradesh.

He said that the present UPA government is basically anti-Hindu and is indulging in anti-national activities by appeasing Muslims. If the hundred crore Hindus of Bharat have to live with dignity, installation of pro-Hindu government is an urgent necessity. Against this background Shri Ashok Singhal declared that the future political agenda of the nation has to be the reinstatement of a Hindu nation. From a stage where numerous heads and leaders of various sects of Hindus shared a common platform, he listed three major dangers to the nation namely: unlawful activities of the Christian missionaries, jehadi muslims' militant activities and antinational activities of Maoists.

Finally, Ashok Singhal announced that the Hindu society is in no mood to wait any longer for the construction of Ram Temple in Ayodya. He said: 'If there was no solution in sight, let the Hindu society get ready for a final fight'. He gave a rousing call to all Hindus in the country and in the world to contribute their mite in the construction of the proposed Ram temple. Kanchi Sankaracharya attended the Conference and gave his benediction.

Apart from fighting against the anti-Hindu forces of Missionaryism, Mullahism, Marxism, Nehruvian Pseudo-Secularism, different dastardly new brands of Sonia Pseudo-Secularism, Karunanidhi Pseudo-Secularism, Lallu Prasad and Mulayam Singh Yadav's Pseudo-Secularism, Ram Vilas Paswan's Pseudo-Secularism, etc. the Hindu society has to wage a relentless war against the manipulations, manoeuvres and machinations 'now hidden, now open' of the pseudo-secular mafia of mass media in India.

It is very sad to see that Hinduism today has become a dirty word and Hindus have learnt to disown their own identity. Castes and Panths and Creeds have become prominent and becoming important they have acquired their own momentum, power, justification and vested interests. Renascent Hinduism will have to contend with these forces. It will have to overcome the forces of self-denigration and self-alienation. It will have to become so strong that its present weakness does not breed self-contempt in its own sons and daughters but on the other hand its new strength should be such that those of them who were forced to leave come back to their ancestral Hindu fold with tremendous pride and enthusiasm. Hinduism must also realise that it is not just a community in competition with other communities, but that it is a nation and a civilization which has a great role to play in the world. It must work on this larger self definition and assert their larger self-identification. No lesser definition will do.

The pseudo-secular mafia of mass media in India which includes all the main English language Newspapers and most of the Television Channels like NDTV, CNN, Star, Zee and the like are wedded to the philosophy of blacking out Hindutva self-expression as a matter of deliberate policy. Scores of Jalaluddin Akbars, Fakrudin Akbars, Mohammed Bin Akbars, engineering Engineers, roaring and rabid Rams, Christopher Rams, David Rams and others of similar ilk 'all international celebrities like many known criminals of Italian Mafia' have often declared that the print media owe it to the nation as much as to itself to black out fully the statements and activities of the so called Hindutva Brigade with Pseudo-secular fervour and animal passion. All of them are committing the same fundamental mistake as the India-watchers from the West who often assume that secularism means some kind of 'neutrality', of being 'above' the warring parties in an inter-religious conflict, so that the self-proclaiming mafia secularists can be 'in fact must be' really unbiased. I am not, therefore, surprised that the mass media in India have chosen not to take note of the III Historic World Hindu Conference which was held in Prayag (the beloved Allahabad according to the mafia secularists!) from 11 to 13 February, 2007.

(The writer is a retired IAS officer)

e-mail the writer at vsundaram@newstodaynet.com


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